हिंदी कक्षा १२ हिंदी :- देवसेवा का गीत सारांश / Devsena ka geet saransh /class 12 hindi /jayshankar prasad
15 Apr 2017
आह ! वेदना मिली विदाई !
मैंने भरम-वश जीवन संचित,
मधुकरियो की भीख लुटाई |
छलछल थे संध्या के भ्रमकण
अंशु-से गिरते थे प्रतिछन |
मेरी यात्रा पर लेती थी
निवरवता अनंत अंगराई
श्रमित स्वपन की मधुमाया में ,
गहन विपन की तरुछाया में ,
पथिक उनींदी श्रुति में किसने
यह विहाग की तान उठाई |
लगी
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मैंने भरम-वश जीवन संचित,
मधुकरियो की भीख लुटाई |
छलछल थे संध्या के भ्रमकण
अंशु-से गिरते थे प्रतिछन |
मेरी यात्रा पर लेती थी
निवरवता अनंत अंगराई
श्रमित स्वपन की मधुमाया में ,
गहन विपन की तरुछाया में ,
पथिक उनींदी श्रुति में किसने
यह विहाग की तान उठाई |
लगी
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